Description
श्रीहित हरिवंश जी द्वारा विरचित इस वाणी में ये अनुवाद भी शामिल है !
श्रीहित हरिवंश जी द्वारा विरचित इस श्रीहित चौरासी जी वाणी में हर पद का हिंदी में अनुवाद भी दिया गया है जिससे जो साधक पदों के किसी शब्द का अर्थ नहीं समझ पाता है तो वो अर्थ में से मदद ले सकते है ! इस पुस्तक में स्फुटवाणी भी शामिल है ! इसमें पदों के भाव अनुसार रंगीन चित्र भी उपलब्ध है !
इसे नित्य चाहे एक श्लोक ही सही पर नित्य पाठ करना चाहिए !
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