मंगलाचरण प्रेमानन्दोत्पुलकित गात्रौ, विद्युद्धाराधर सम कान्तिः राधा कृष्णौ मनसि दधानं, वन्देहं श्रीहित हरिवंशम् निगम-अगोचर बात कहा कहौं अतिहि अनौखी । […]
श्री वृन्दावन सतलीला में कुल 116 श्लोक है और यह वाणी रसिक संत श्रीहित ध्रुवदास जी महाराज द्वारा कृत है […]
मंगलाचरण प्रेमानन्दोत्पुलकित गात्रौ,विद्युद्धाराधर सम कान्तिः राधा कृष्णौ मनसि दधानं,वन्देहं श्रीहित हरिवंशम् श्रीहित हरिवंश महाप्रभु जी की वाणियाँ ॥1॥ब्रजाधिराज – नन्दनाम्बुदाभ […]
श्री कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र स्वयं भगवान शंकराचार्य द्वारा रचित है इसमे कुल 9 श्लोक है। ये श्लोक संस्कृत मे […]
श्रीराधा कृपाकटाक्ष स्तोत्र का गायन वृन्दावन के विभिन्न मन्दिरों में नित्य किया जाता है। इस स्तोत्र के पाठ से साधक […]
वैसे तो परम करुणामयी श्री राधारानी का श्री नाम ही इस संसार के भाव से न केवल पार लगाने वाला […]