राधे राधे सभी को ! आइये आज जानते है शरद पूर्णिमा/शरद उत्सव के बारे में, की वृंदावन में कब कैसे मनायी जाती है !
इस बार शरद पूर्णिमा वृंदावन के बांके बिहारी जी में 16 अक्टूबर 2024 की रात को मनाई जाएगी
इस दिन बांके बिहारी जी मंदिर में क्या ख़ास होता है ?
- आज के दिन साल में सिर्फ एक बार बांके बिहारी जी महाराज महारास रूप मैं दर्शन देते है !
- ठाकुर जी सफ़ेद रंग की पोशाक और कटी काछनी मस्तक पर मोर मुकुट धारण कर जगमोहन में दर्शन देते है ।
- आज के दिन ठाकुर जी को खीर ओर बुरे की चँद्रकला का भोग लगाया जाता है ।
- आज के दिन ही ठाकुर जी बंशी और छड़ी धारण करते है ।
- शरद पूर्णिमा के दिन शाम के समय चंद्रमा की रोशनी बिहारी जी महाराज के श्री चरणों से मस्तक तक आती है जब मस्तक पर आ जाती है तब बिहारी जी महाराज का भोग लगाया जाता है । ये रोशनी मंदिर में शाम के समय लाइट बन्द करके देखी जाती है ।
- शरद पूर्णिमा से कार्तिक स्नान और कार्तिक सेवा प्रारंभ हो जाती है। कार्तिक में दीपदान सेवा का विशेष महत्व है।
- शरद पूर्णिमा पर ठाकुर जी प्रातः 7:30 से 1:00 तक और सायं 5:30 से 10:30 तक दर्शन देंगे।
अब जानते है हम श्री राधावल्लभ मंदिर में मनाई जाने वाली शरद पूर्णिमा ( शरद उत्सव के बारे में )
इस बार शरद पूर्णिमा वृंदावन के बांके बिहारी जी में 17 अक्टूबर 2024 की रात को मनाई जाएगी
इस दिन श्री राधावल्लभ मंदिर में क्या ख़ास होता है ?
- आश्विन शुक्ला पूर्णिमा को सन्ध्या आरती पीछे समाज गायन प्रारम्भ होवै और आरती के बाद श्री जी शरद में विराजते है।
- श्री जी की पोशाक और चँदोवा-पिछवाई आदि सब सफेद होते है।
- भोग में दूध का अधौटा और चन्द्रकला प्रधान रूप से रहते है।
- आज से औलाई नही होती है तथा श्री जी को सांयकाल वस्त्र धारण कराये जाते है, पंखा बंद कर दिया जाता है।
- समाज मे हित चौरासी जी का यह पद होवै है मोहन मदन त्रिभंगी।मोहन मुनि-मन रँगी ।।1।।
- श्री राधावल्लभ मंदिर में श्री जी के सामने सखियाँ सफ़ेद पोशाक में नृत्य करती है
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