Hit Vaani Path

Hit Vaani Path

श्री यमुनाष्टक अर्थ सहित

॥1॥ब्रजाधिराज – नन्दनाम्बुदाभ गात्र चंदना- नुलेप गंध वाहिनीं भवाब्धि बीज दाहिनीम् । जगत्त्रये यशस्विनीं लसत्सुधा पयस्विनीं- भजे कलिन्द नन्दिनीं दुरंत

Hit Vaani Path

श्री हित चौरासी जी

मंगलाचरण प्रेमानन्दोत्पुलकित गात्रौ, विद्युद्धाराधर सम कान्तिः राधा कृष्णौ मनसि दधानं, वन्देहं श्रीहित हरिवंशम् निगम-अगोचर बात कहा कहौं अतिहि अनौखी ।

Scroll to Top