श्री हित स्फुट वाणी अर्थ सहित
।। 1 ।।द्वादश चन्द्र, कृतस्थल मंगल,बुद्ध विरुद्ध, सुर-गुरु बंक।यद्दि दसम्म भवन्न भृगू-सुत, मंद सु केतु जनम्म के अंक।।अष्टम राहु, चतुर्थ […]
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।। 1 ।।द्वादश चन्द्र, कृतस्थल मंगल,बुद्ध विरुद्ध, सुर-गुरु बंक।यद्दि दसम्म भवन्न भृगू-सुत, मंद सु केतु जनम्म के अंक।।अष्टम राहु, चतुर्थ […]
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॥1॥ब्रजाधिराज – नन्दनाम्बुदाभ गात्र चंदना- नुलेप गंध वाहिनीं भवाब्धि बीज दाहिनीम् । जगत्त्रये यशस्विनीं लसत्सुधा पयस्विनीं- भजे कलिन्द नन्दिनीं दुरंत
श्री यमुनाष्टक अर्थ सहित Read Post »
।।1।।जोई-जोई प्यारौ करै सोई मोहि भावै,भावै मोहि जोई सोई-सोई करै प्यारे ।मोकों तो भावती ठौर प्यारे के नैंनन में,प्यारौ भयौ
श्री हित चौरासी जी Read Post »