प्रिया जू की नामावली
ललित रंगीली गाइये। तातें प्रेम रंग रस पाइये ॥
राधा गोरी मोहिनी, नवल किशोरी भाँम ।
नित्य विहारिनी लाड़िली, अलबेली वर वाम ॥
स्यामा प्यारी भांवती, नागरि परम उदार ।
वृंदाविपिन विनोदिनी कुंजनि-मनि सुकुंवारि ॥
मृगनैंनी गजगामिनी, पिकबैंनी नव बाल ।
अति सुंदर मृदु हासिनी, चंचल नैंन विसाल ॥
कुंज – कामिनी भामिनी, छबि दामिनी अनूप ।
पिय-हिय-मोद – प्रकासनी, चंद वदनि रस रूप ॥
रसिक रंगीली रंगभरी रही लाल उर-पूरि ।
पियहि लड़ावनि सुख लड़ी, प्रीतम जीवन मूरि ॥
मनहरनी सुठि सोहनी नवल छबीली भाँति ।
वृंदावन जगमगि रह्यौ अंगनि की छवि काँति ॥
कुंज बिलासिनि दुलहिनी, आनंद रूप निधान ।
सखियनि-मोद बढ़ावनी, पिय प्राननि के प्रान ॥
‘हित ध्रुव’ यह नामावली, जो करि है उर-माल ।
ताके हियै दिनहिं बसैं, नेही मोहन लाल ॥
लाल जू की नामावली
लाल रंगीलौ गाइये । तातें प्रीति रँगीली पाइये ॥
(श्री) राधावल्लभ लाड़िलौ, दूलह नित्य-किशोर ।
कुंजविहारी भाँवतौ, मुख-प्यारी चंद-चकोर ॥
रसरंगी राधा-धनी, राधाधव सुकुँवार ।
कुंज- रवन सोभा भवन वर सुंदर सुघर उदार ॥
रसिक रँगीलौ रंगमग्यौ श्री वृंदावन -चंद |
विपिनविलासी छवि-चहा, पिय-राधा आनंद कंद ॥
रसिक-मौलि आनंदमणि मोहन कृष्ण कृपाल ।
सहज सलौनौ साँवरौ, अंबुज नयन – विशाल ॥
‘हित ध्रुव’ यह नामावली, मन-गुन सौं लै पोइ ।
ताही की रसना स्टै, कुँवरि कृपा जब होइ ॥