
नवरात्रि का पर्व आरंभ होने जा रहा है.
घरों में नवरात्रि के पर्व को मनाने के लिए तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं. हिंदू धर्म में मां दुर्गा को विशेष स्थान प्राप्त है. मां दुर्गा को शक्ति प्रतीक माना गया है. ऋगवेद के अनुसार माँ दुर्गा ही आदि-शक्ति हैं. पौराणिक कथाओं में मां दुर्गा को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली देवी माना गया है. इसके साथ ही जीवन में आने वाली हर परेशानियां को दूर करने में मां दुर्गा की पूजा को प्रभावशाली माना गया है. नवरात्रि यानी मां दु्र्गा की उपासना के पावन नौ दिन। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा क्रमश: की जाती है जिनके बारे में नित्य जानकारी एप पर उपलब्ध होगी
- मां शैलपुत्री
- मां ब्रह्मचारिणी
- मां चंद्रघंटा
- मां कुष्मांडा
- मां स्कंदमाता
- मां कात्यायनी
- मां कालरात्रि
- मां महागौरी
- मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि कब से आरंभ हो रहे हैं
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च 2023, बुधवार को होगा और इसका समापन 30 मार्च 2023, गुरुवार के दिन होगा.! एवं देवी विसर्जन 31 मार्च को होगा.!!
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना के मुहूर्त की शुरुआत 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक.!
तथा दिन में 12 बजकर 15 मिनट से एक बजे तक !
नवरात्रि में माता की सवारी
इस साल माता का वाहन हाथी होगा क्योंकि नवरात्रि का आरंभ सोमवार से हो रहा है। इस विषय में देवी भागवत पुराण में इस प्रकार लिखा गया है कि रविवार और सोमवार को नवरात्रि आरंभ होने पर माता हाथी पर चढकर आती हैं जिससे खूब अच्छी वर्षा होती है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
इस साल कलश सथापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। हस्त नक्षत्र शुक्ल योग में होगा। इस समय कलश स्थापना नहीं कर पाते हैं तो आप 9 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 42 मिनट के बीच घट स्थापित कर सकते हैं हस्त नक्षत्र ब्रह्म योग में कलश स्थापन कर सकते हैं। नवरात्रि पर कलश स्थापित करने के लिए तीसरा शुभ मुहूर्त 11 बजकर 48 से 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इस समय अभिजीत मुहूर्त, हस्त नक्षत्र और ब्रह्म योग मौजूद रहेगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से कोई भी मुहू्र्त कलश स्थापना के लिए चुन सकते हैं।
कलश स्थापना नवरात्रि के पहले दिन यानी 21 मार्च 2023 को ही की जाएगी।

नवरात्रि की तिथियाँ
- प्रतिपदा (मां शैलपुत्री): 22 मार्च 2023
- द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी): 23 मार्च 2023
- तृतीया (मां चंद्रघंटा): 24 मार्च 2023
- चतुर्थी (मां कुष्मांडा): 25 मार्च 2023
- पंचमी (मां स्कंदमाता): 26 मार्च 2023
- षष्ठी (मां कात्यायनी): 27 मार्च 2023
- सप्तमी (मां कालरात्रि): 28 मार्च 2023
- अष्टमी (मां महागौरी): 29 मार्च 2023
- नवमी (मां सिद्धिदात्री): 30 मार्च 2023
- दशमी (मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन): 31 मार्च 2023
श्री दुर्गा सप्तशती में स्वयं दुर्गा भगवती ने कहा है-
“ शरदकाले महापूजा क्रियते या च वार्षिकी …
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धनधान्य सुतान्वित:।
मनुष्यो मतप्रसादेन भविषयति:न संशय:।।”
“जो शरद काल की नवरात्रि में मेरी पूजा-आराधना तथा मेरे तीनों चरित्र का श्रद्धा पूर्वक पाठ करता है एवं नवरात्रि पर्यंत व्रत रहते हुए तप करता है, वह समस्त बाधाओं से मुक्त होकर धन-धान्य से समपन्न हो यश का भागीदार बन जाता है, इसमें किंचित संशय नहीं है
पूजा विधि
- नवरात्रि के दिन सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ पानी से स्नान कर लें।
- पानी में कुछ बूंदें गंगाजल की डालकर स्नान करें या स्नान के पश्चात शरीर पर गंगा जल का छिड़काव करें।
- कलश स्थापना के स्थान पर दीया जलाएं और दुर्गा मां को अर्घ्य दें।
- इसके बाद अक्षत और सिंदूर चढ़ाएं।
- लाल फूलों से मां को सजाएं और फल, मिठाई का भोग लगाएं।
- धूप, अगरबत्ती जलाकर दुर्गा चालीसा पढ़े और अंत में आरती करें।
नवरात्रि के दौरान कुछ महत्वपूर्ण चीजें
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान कुछ चीजें घर लाई जाएं तो माता रानी जरूर प्रसन्न होती हैं
कमल पर विराजमान मां की तस्वीर-
आप घर में धन-समृद्धि लाने के लिए नवरात्रि के दौरान देवी लक्ष्मी का ऐसा चित्रपट लाएं, जिसमें वे कमल पर विराजमान हों. इसके साथ ही उनके हाथों से धन की वर्षा हो रही हों. कमल देवी लक्ष्मी का प्रिय फूल है. नवरात्रि में कमल का फूल या उससे संबंधित चित्र घर में लेकर आने से देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.
सोलह श्रृंगार का सामान-
नवरात्रि के दौरान महिलाओं को घर में सोलह श्रृंगार का सामान जरूर लाना चाहिए. श्रृंगार के सामान को घर के मंदिर में स्थापित करने से मां दुर्गा की कृपा सदैव घर पर बनी रहती है.
सोने या चांदी का सिक्का –
नवरात्रि के दौरान घर में सोने या चांदी का सिक्का लाना शुभ माना जाता है. सिक्के पर माता लक्ष्मी या भगवान गणेश की चित्र बना हुआ हो तो और भी शुभ होता है अपने पर्स में सोने या चांदी का सिक्का जरूर रखें, इससे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी.
मोर पंख-
शास्त्रों में मोर पंख को बहुत शुभ माना गया है. नवरात्रि में मां सरस्वती का प्रिय मोर पंख घर लाकर मंदिर में रखने से कई फायदे होते हैं. मोर पंखविद्यार्थियों के कमरे में रखने से उन्हें विद्या की प्राप्ति होती है. लॉकर के पास मोर पंख रखने से आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगता है. ये नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाता है.
केले का पौधा-
नवरात्रि में केले का पौधे घर में लाना चाहिए. इसे घर के आंगन में लगाएं और पूजा करने के बाद इस पर रोजाना जल चढ़ाएं. गुरुवार के दिन इस पर दूध भी चढ़ाना चाहिए.
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